vishwakarma puja 2024: विश्वकर्मा पूजा हर एक साल देश में धूम धमाका से मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को सृजन और वास्तुकला का देवता माना जाता है। भगवान विश्वकर्मा का जन्म “माघ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी” को हुआ था। परन्तु लोक परम्पराओं में भाद्रपद की शुक्ल पक्ष या कन्या की संकान्ति को,भगवान विश्वकर्मा की पूजा किया जाता है। जिन्हें कला का देवता भी कहा जाता है। इस वर्ष 17 सितंबर 2024 को मनाया जाएगा।
इस विश्वकर्मा पूजा 2024 के अवसर पर आइए जानें कुछ रोचक बातें। आज कोई यह कल्पना भी नहीं कर सकता कि कोई पिता अपने पुत्र के वध के लिए वज्र बनाएगा। लेकिन ऐसा ही विश्वकर्मा जी ने किया था। ंंविश्वकर्मा जी का पुत्र वृत्र दुराचारी एवं आसुरी-स्वभाव का होने के कारण ‘ वृत्रासुर ‘ के नाम से लोक प्रसिद्ध हुआ। उसके अत्याचार से तंग आकर देवगण अपने गुरु बृहस्पति से उपाय पूछा। बृहस्पति जी ने कहा कि ऋषि दधीचि की अस्थि से बने वज्र से वृत्रासुर का वध संभव है , लेकिन इसे केवल भगवान विश्वकर्मा ही निर्माण कर सकते हैं।
देवगण विश्वकर्मा जी के पास पहुंचे और अपनी बात बताई , तो विश्वकर्मा जी सहर्ष तैयार हो गए। ऋषि दधीचि की अस्थि से उन्होंने ऐसा वज्रास्त्र बनाया, जिससे उसके पुत्र का वध हुआ।
Sonpur Mela 2024 कब से शुरू हो रहा है। - Bihar today news 15 Sep 2024
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